बहुत से भारतीय छात्र पाकिस्तान के मेडिकल कॉलेजों में MBBS की पढ़ाई को लेकर उत्सुक रहते हैं, लेकिन वहां एक बड़ी बाधा होती है — FMDC (Federal Medical and Dental Council) की Equivalency Policy। इस नीति के तहत विदेशी छात्रों को पाकिस्तान में MBBS में एडमिशन के लिए एक विशेष Equivalency Certificate प्राप्त करना होता है, जिसमें कुछ सख्त शर्तें होती हैं जैसे:
न्यूनतम 70% अंकों की आवश्यकता
इंटरमीडिएट (12वीं) की पाकिस्तान की तर्ज़ पर मान्यता
IBCC से Equivalency Certificate प्राप्त करना
इसी के चलते कई भारतीय और विदेशी छात्रों के लिए पाकिस्तान में MBBS करना मुश्किल हो जाता है।
अब सवाल उठता है:
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि Bangladesh MBBS में admission लेते समय भारतीय छात्रों को किसी भी equivalency rule का सामना करना पड़ता है या नहीं।
Equivalency Rule का मतलब है — आपके देश की शिक्षा प्रणाली को उस देश की शिक्षा प्रणाली के बराबर मानना जहां आप पढ़ाई करना चाहते हैं। यह आमतौर पर तब लागू होता है जब:
कोई देश अपने विद्यार्थियों की योग्यता को एक मानक पर रखता है
और वह चाहता है कि विदेशी छात्र भी उसी मानक पर खरे उतरें
FMDC जैसे संस्थान यह नियम इसलिए लागू करते हैं ताकि शिक्षा का स्तर एक समान बना रहे।
पाकिस्तान के FMDC और IBCC संस्थान के अनुसार, जो भी विदेशी छात्र पाकिस्तान में MBBS करना चाहते हैं, उन्हें इंटरमीडिएट (12वीं) स्तर पर 70% अंक होने चाहिए और उन्हें IBCC से Equivalency Certificate लेना अनिवार्य होता है।
भारतीय छात्रों को आवेदन से पहले अतिरिक्त प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है
बहुत से छात्र जो NEET में क्वालिफाई होते हैं, लेकिन 12वीं में 70% से कम होते हैं, वे Pakistan में MBBS के लिए अपात्र हो जाते हैं
Bangladesh में FMDC जैसा पूर्ण equivalency system तो नहीं है, लेकिन एक विशिष्ट नियम है जो केवल Self-Financing Scheme (SFS) यानी विदेशी छात्र कोटा के तहत लागू होता है।
आइए विस्तार से समझें।
Bangladesh में भारतीय छात्रों को दो तरह से MBBS में एडमिशन मिल सकता है:
यह Bangladesh सरकार द्वारा निर्धारित सीमित स्कॉलरशिप सीट होती हैं, जिसमें:
सभी विद्यार्थियों को बराबरी से मौके दिए जाते हैं
सख्त मेरिट आधारित चयन होता है
कोई जातिगत या आर्थिक आरक्षण नहीं होता
यह कोटा विदेशी छात्रों के लिए होता है जो प्राइवेट या गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों में अपनी फीस खुद भरते हैं।
हाँ, Self-Financing Scheme में कुछ हद तक Equivalency-type नियम लागू होते हैं।
Minimum GPA:
Physics, Chemistry, Biology में कुल मिलाकर GPA 7.0 (out of 10) जरूरी होता है
किसी एक विषय में GPA 3.5 से कम नहीं होना चाहिए
NEET Qualification:
भारतीय छात्रों को NEET क्वालिफाई करना अनिवार्य होता है, चाहे उन्होंने कितने भी अंक 12वीं में प्राप्त किए हों
Subject Wise Minimum Marks:
Bangladesh की सरकार Indian education system को कुछ शर्तों के साथ equivalence देती है
इसमें 10वीं और 12वीं के अंकों को GPA में कन्वर्ट किया जाता है
Application Through Embassy:
Self-financing quota के लिए आवेदन Bangladesh High Commission, New Delhi या कोलकाता के माध्यम से किया जाता है
सभी शैक्षणिक दस्तावेजों का सत्यापन भी आवश्यक होता है
बिंदु | Pakistan (FMDC Rules) | Bangladesh (SFS Quota) |
---|---|---|
Equivalency Certificate | अनिवार्य | GPA system के रूप में लागू |
न्यूनतम अंक | 70% | GPA 7.0 (PCBM Subjects) |
अतिरिक्त संस्था का प्रमाणीकरण | IBCC से आवश्यक | कोई अलग संस्था नहीं |
दस्तावेज सत्यापन | सख्त | High Commission के माध्यम से |
Bangladesh में GPA (Grade Point Average) सिस्टम का उपयोग किया जाता है। आपके 10वीं और 12वीं के मार्क्स को GPA में कन्वर्ट किया जाता है। इसका एक फॉर्मूला होता है जो Bangladesh Ministry of Education तय करता है।
अगर आपने 12वीं में Physics में 70%, Chemistry में 65%, और Biology में 75% प्राप्त किए हैं, तो आपका औसत GPA लगभग 3.5 से 4.0 के बीच होगा।
और अगर कुल GPA 7.0 से कम हुआ (10वीं + 12वीं मिलाकर), तो आपको Bangladesh में MBBS Admission नहीं मिलेगा।
FMDC की तरह Bangladesh में भी छात्र के मार्क्स को local standard (GPA) में कन्वर्ट किया जाता है और उसी के आधार पर admission eligibility तय की जाती है।
लेकिन फर्क यह है कि:
Bangladesh में कोई अलग स्वतंत्र संस्था (जैसे IBCC) नहीं होती
पूरी प्रक्रिया शिक्षा मंत्रालय और दूतावास के माध्यम से पूरी होती है
प्रक्रिया सरल है और दस्तावेज़ी जटिलता कम होती है
10वीं और 12वीं की मार्कशीट
पासपोर्ट
NEET स्कोरकार्ड
पासपोर्ट साइज फोटो
मेडिकल सर्टिफिकेट
Bangladesh High Commission द्वारा सत्यापन किया हुआ एप्लिकेशन
जी हाँ, यह नियम सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के मेडिकल कॉलेजों पर लागू होते हैं। Bangladesh Medical & Dental Council (BMDC) इन सभी नियमों को रेगुलेट करता है और सभी कॉलेजों को इसका पालन करना पड़ता है।
अपना GPA खुद कैलकुलेट करें — एडमिशन के पहले यह जान लें कि आपके मार्क्स GPA 7.0 से ऊपर आ रहे हैं या नहीं
NEET जरूर क्लियर करें — बिना NEET, कोई भी कॉलेज आपको एडमिशन नहीं देगा
डॉक्युमेंट्स समय पर जमा करें — Embassy की प्रक्रिया में देरी से आपका एडमिशन चूक सकता है
सरकार की वेबसाइट पर नजर रखें — GPA और अन्य नियमों में समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं
Bangladesh में FMDC (Pakistan) जैसे सख्त equivalency नियम तो नहीं हैं, लेकिन Self-Financing Quota के तहत कुछ हद तक equivalency-type GPA नियम जरूर लागू होते हैं। यहां:
IBCC जैसा अलग संस्था नहीं है
लेकिन 10वीं और 12वीं के मार्क्स को GPA सिस्टम में कन्वर्ट कर eligibility तय की जाती है
यह प्रक्रिया सरल, पारदर्शी और भारतीय छात्रों के अनुकूल होती है
अगर आप NEET में सफल हैं और आपके PCB सब्जेक्ट्स में अच्छे मार्क्स हैं, तो आप बिना किसी बड़ी अड़चन के Bangladesh में MBBS कर सकते हैं।